हरियर एक्सप्रेस, रायपुर। राजधानी सहित पूरे प्रदेश में रोज हो रही हत्याओं पर कांग्रेस ने गहरी चिंता व्यक्त किया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा सरकार के राज में अपराधी बेलगाम हो गये है। आम आदमी अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहा है। रायपुर शहर में एक पखवाड़े में 17 हत्याएं हुई है। प्रदेश का हर नागरिक डरा हुआ है। महिलायें असुरक्षित है। बलात्कार, सामूहिक बलात्कार की घटनाएं बढ़ गयी है। एक ही दिन में राजधानी के विधानसभा के पास आमासिवनी में शराब दुकान के सामने दो-दो हत्याये हुई, पुरानी बस्ती थाने के चंद कदमों की दूरी पर पेट्रोल डालकर एक युवक को जिंदा जला दिया गया, तेलीबांधा में गवाह को धमकाने अपराधियों ने हमला कर दिया, दिनदहाड़े गोलियां चल रही है, गैंगवार हो रहे हैं। दीवाली के दिन ही राजधानी रायपुर में 9 हत्या हुई, दुर्ग में 4 हत्याएं हुई। रायपुर में रोज हत्याएं हो रही है लेकिन यह सरकार आपराधिक घटनाओं को रोकने में पूरी तरह नाकाम रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सबसे संवेदनशील और सुरक्षित माने जाने वाले रायपुर के सेंट्रल जेल परिसर के सामने एक व्यक्ति को गोली मार दी गयी। गृहमंत्री के जिले से बेलगाम हुआ अपराध मुख्यमंत्री के गृह ग्राम तक पहुंच गया। राजधानी रायपुर में चला हत्याओं का गोलीबारी का खौफनाक मंजर पूरे प्रदेश में फैल चुका है। आम आदमी अपने आपको भयभीत महसूस कर रहा है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर अपराध का गढ़ बन गया है। सरकार की लापरवाही और पुलिस की नाकामी का परिणाम है कि छत्तीसगढ़ में कोई भी सुरक्षित नहीं है। प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है राजधानी में सरेआम गोलीबारी की पांचवी घटना हुई है। सरकार की नाकामी और पुलिस की लापरवाही का परिणाम है कि प्रदेश की राजधानी असुरक्षित हो चुकी है। दीपावली के दौरान चार दिनों में राजधानी में 9 हत्या हुई, प्रदेश के लगभग सभी शहरों में रोज ही हत्याएं हो रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यह सारी घटनाएं बताती है कि भाजपा के राज में अराजकता फैली हुई है। सरकार चलाने वाले कानून व्यवस्था को नहीं संभाल पा रहे है। सरकार की विफलता की जवाबदेही मुख्यमंत्री की है। मुख्यमंत्री का नियंत्रण सरकार पर नहीं है। सरकार बेपटरी हो चुकी है। 4 एसपी और कलेक्टर दर्जनों वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को हटाने के बाद भी सरकार कानून व्यवस्था नहीं संभाल पा रही तब मुख्यमंत्री गृह मंत्री को हटाने में क्यों हिचकिचा रहे है? मुख्यमंत्री को ऐसा लगता है कि उनके गृह मंत्री की गलती नहीं है तो सरकार की नाकामी की जिम्मेदारी खुद लेकर तत्काल इस्तीफा दें।