महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने जिला बाल संरक्षण इकाई जांजगीर-चाम्पा को किया सम्मानित…
हरियर एक्सप्रेस, रायपुर। हॉटल कोर्टयार्ड रायपुर में आयोजित “उमंग” कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ की महिला एवं बाल विकास मंत्री, लक्ष्मी राजवाड़े ने जिला बाल संरक्षण इकाई जांजगीर-चाम्पा को उनके उत्कृष्ट और सराहनीय कार्य के लिए सम्मानित किया। यह सम्मान जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजेन्द्र सिंह जायसवाल, पूजा तिवारी और उनकी टीम द्वारा बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा, उनकी देखभाल, और पोषण के लिए किए गए प्रयासों को मान्यता प्रदान करने हेतु दिया गया है।
कार्यक्रम में मंत्री महोदया ने बाल संरक्षण और बच्चों के पोषण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की और कहा कि जांजगीर-चाम्पा जिले की बाल संरक्षण इकाई ने बच्चों को सुरक्षित वातावरण और आवश्यक पोषण प्रदान करने के लिए अनुकरणीय कार्य किए हैं। उन्होंने इकाई द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं और प्रयासों की भी चर्चा की, जिनके माध्यम से ज़िले के बच्चों को बेहतर जीवन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, और पोषण उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा, “बाल संरक्षण इकाई जांजगीर-चाम्पा के अथक प्रयासों के कारण बच्चों के कल्याण और पोषण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उनके इस सराहनीय कार्य के लिए मैं उन्हें बधाई देती हूं और आशा करती हूं कि वे इसी तरह समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए काम करते रहेंगे।”
जिला कार्यक्रम अधिकारी अनिता अग्रवाल ने भी इस अवसर पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि उनके नेतृत्व में टीम ने बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और उनकी सुरक्षा के लिए कई सफल कार्यक्रम चलाए हैं। इस सम्मान को पाकर उन्हें और अधिक समर्पण और प्रेरणा मिलेगी।
बाल संरक्षण अधिकारी गजेन्द्र सिंह जायसवाल और उनकी टीम ने इस सम्मान को पाकर खुशी व्यक्त की और कहा कि यहस सम्मान उन्हें और अधिक उत्साह के साथ बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने और उनके पोषण के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा। पूजा तिवारी ने भी कहा कि उनकी टीम बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए निरंतर काम कर रही है, और यह सम्मान उनके सभी सहयोगियों के लिए गर्व का विषय है।
इस मौके पर विभिन्न विभागों के अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे, जिन्होंने बाल संरक्षण इकाई और जिला कार्यक्रम अधिकारी के प्रयासों की सराहना की। साथ ही, बच्चों की सुरक्षा, देखरेख और पोषण के क्षेत्र में और अधिक योगदान देने की आवश्यकता पर बल दिया।