जिस आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया वही आरोप तो महेश गागड़ा के भाई पर भी है
बस्तर के पत्रकारों की रिहाई के लिए डीजीपी आंध्र प्रदेश के डीजीपी से चर्चा करे
हरियर एक्सप्रेस, रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये कहा क भाजपा की सरकार बनते ही एजेंसियों का दुरूपयोग शुरू हो जाता है। राजनांदगांव पुलिस ने जिन्हें तेंदुपत्ता ठेकेदार से नक्सलियों के लेवी वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया है उसी ठेकेदार सुधीर कुमार माणिक ने पूर्व मंत्री महेश गागड़ा के रिश्तेदार पेखन गागड़ा के खाता क्रमांक 11521261288 में लगभग 91 लाख डाला था। जिसे विधायक विक्रम मंडावी ने प्रेसवार्ता कर 29/03/2023 को आरोप लगाया था।
पुलिस भाजपा नेता पूर्व मंत्री महेश गागड़ा को बचाने लेवी वसूलीकर्ता पेखन गागड़ा को गिरफ्तार नहीं कर रही है।
भाजपा नेताओं का संबंध नक्सलियों से है।
भाजपा सरकार अपनी काली करतूत छिपाने कांग्रेस नेताओं पर झूठे आरोप लगा रही है।
नक्सलियों के लिए लेवी वसूलने के आरोप में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ़्तार किया है.
इन पर आरोप है कि इन्होंने ठेकेदारों से दबाव डालकर वसूली की ताकि नक्सलियों तक राशि पहुंचाई जा सके.
जिन ठेकेदारों से वसूली के आरोप हैं उनमें एक नाम सुधीर माणिक का भी है.
सुधीर माणिक वही ठेकेदार हैं जिनसे पेखन गागड़ा के खाते में लाखों रुपए डलवाये हैं.
29 मार्च, 2023 को बीजापुर के कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी जी ने प्रेसवार्ता लेकर सबूत सहित आरोप लगाए थे कि पूर्व मंत्री महेश गागड़ा और भाजपा के ज़िला उपाध्यक्ष लवकुमार रायडू ने दबाव डालकर ठेकेदार से 91 लाख रुपए अपने रिश्तेदार पेखन गागड़ा के खाते में जमा करवाए. पेखन गागड़ा भैरमगढ़ में रहते हैं।
नक्सल मामले में किसी को नहीं बख्शा जाना चाहिए. न अभी गिरफ़्तार किए गए इन पांच लोगों को और न पेखन गागड़ा को.
यह गंभीर मामला है. इसमें सरकार और पुलिस को मेरा तेरा नहीं देखना चाहिए. एक जैसे मामले हैं तो एक जैसी कार्रवाई होनी चाहिए.
अगर ये पांच लोग नक्सलियों के लिए वसूली कर रहे थे तो पूर्व मंत्री महेश गागड़ा के रिश्तेदार पेखन गागड़ा को भी इन्हीं धाराओं में गिरफ़्तार किया जाना चाहिए. इन्हीं धाराओं में महेश गागड़ा और भाजपा पदाधिकारी लवकुमार रायडू पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.
बस्तर के चार पत्रकारों को षडयंत्रपूर्वक आन्ध्रप्रदेश की पुलिस के द्वारा कार्यवाही करवाने की कड़ी निंदा करते हुये पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा की सरकारे हमेशा पत्रकारों के दमन की कार्यवाही करती है। रमन सरकार के समय भी पत्रकारों की गिरफ्तारी की कार्यवाही की गयी थी, तब एडीटर गिल्ड ने मामले को संज्ञान में लेकर जांच किया था। वर्तमान आन्ध्र में गिरफ्तार चारों पत्रकारों की रिहाई के लिये छत्तीसगढ़ सरकार आंध्र सरकार से तथा राज्य के डीजीपी आंध्र के डीजीपी से बात करके पत्रकारों की निःशर्त रिहाई करवायें।