हरियर एक्सप्रेस, रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि राज्य की बकाया राशि केन्द्र में वापस मांगने राज्य सरकार के मंत्रियों को केन्द्र का चक्कर लगाना पड़ रहा है, डबल इंजन की सरकार के दोनों इंजन फेल हो चुके है। कांग्रेस की सरकार जब छत्तीसगढ़ की हक आवाज की बात केंद्र के सामने रखती थी तब भाजपा और उनके तत्कालीन सांसद दोहरा चरित्र अपनाते थे राज्य सरकार पर सहयोग नहीं करने का झूठा आरोप लगाकर और केंद्र के बचाव में खड़े रहते थे छत्तीसगढ़ के साथ हो रहे भेदभाव सौतेला व्यवहार पर मौन होते थे आज उन सांसदों और भाजपा नेताओं की आंख खुल गई होगी जब उनके ही मंत्री केंद्रीय योजनाओं के बकाया राशि को मांगने के लिए केंद्र के पास जा रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि साय सरकार के मंत्री केंद्र सरकार से केंद्रीय योजनाओं का बकाया राशि मांगने जाते हैं तब उन्हें समझ में आता होगा कि बीते 5 वर्ष में छत्तीसगढ़ के साथ केंद्र ने कितना भेदभाव और सौतेला व्यवहार किया है। उन भाजपा नेताओं को शर्म भी आता होगा जो सिर्फ ओछी राजनीति करने के लिए छत्तीसगढ़ के जन कल्याणकारी कांग्रेस सरकार पर केंद्रीय योजनाओं को लागू नहीं करने का झूठा और मनगढ़ंत आरोप लगाते थे। कांग्रेस की सरकार ने बीते 5 वर्ष में प्रधानमंत्री आवास, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क,प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना,लघु वनोपज खरीदी, राष्ट्रीय बागवानी मिशन,जल जीवन मिशन,राईट टू एजुकेशन ,सहित तमाम केंद्रीय योजनाओं को धरातल पर उतारा है। ट्रेन रद्द होने पर लगातार ट्रेन शुरू करने की मांग की गई।लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार ने राजनीतिक दुर्भावना के चलते छत्तीसगढ़ में केंद्रीय योजनाओं के पीछे खर्च हुई राशि में अपने हिस्से की राशि को रोके रखा था योजना में खर्च हुई उन्ही शेष राशियों को मांगने के लिए साय सरकार के मंत्री केंद्र के पास चक्कर लगा रहे।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के 1200 करोड़ की राशि का भुगतान नही किया, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के 74 करोड़ 69 लाख 27 हजार रुपए बकाया है। प्रधानमंत्री आवास योजना की केंद्र की राशि भी रोकी गई। छत्तीसगढ़ के यात्री ट्रेनों को लगातार रद्द किया गया। जीएसटी का हिस्सा एवं जीएसटी क्षतिपूर्ति कंपनसेशन को नहीं दिया गया कोयला की रॉयल्टी का 4000 करोड़ से अधिक अभी तक बकाया है। ऐसी कई केंद्रीय योजनाओं की राशि का भुगतान अब तक नहीं हुआ है।