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भाजपा सरकार का असल चेहरा सामने आया 21 क्विंटल धान बेचने वाले किसानों से 15500 रु की होगी वसूली?

भाजपा सरकार का असल चेहरा सामने आया 21 क्विंटल धान बेचने वाले किसानों से 15500 रु की होगी वसूली?

भाजपा सरकार का असल चेहरा सामने आया 21 क्विंटल धान बेचने वाले किसानों से 15500 रु की होगी वसूली?

भाजपा सरकार किसानों से पूछ रही है जब धान 15 क्विंटल हुआ तो 21 क्विंटल कैसे बेचा?

नवेद खान, रायपुर। बालोद जिला के 52 धान खरीदी केंद्रों को नोटिस देकर ज्यादा धान खरीदी पर सवाल पूछने पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति व्यक्त किया है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार का असल किसान विरोधी चेहरा सामने आ गया है। 21 क्विंटल धान बेचने वाले किसानों से पूछा जा रहा है कि जब अनावरी रिपोर्ट में 15 क्विंटल धान उत्पादन लिखा है तो फिर 21 क्विंटल धान किसानों ने कहाँ से बेचा हैं? बालोद जिला की 52 धान खरीदी केंद्रों को नोटिस दिया गया हैं यानि उस 52 धान खरीदी केंद्रों में 21 किवंटल धान बेचने वाले किसानों से अब भाजपा सरकार प्रति एकड़ 15500 रु की वूसली की तैयारी है? ऐसे ही नोटिस प्रदेश के अन्य जिलों के कई धान खरीदी केंद्रों को भी भेजा गया है। पूरे प्रदेश में किसानों के 21 क्विंटल धान बेचने पर भाजपा की सरकार संदेह कर रही है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा की सरकार मेहनतकश किसानों के मेहनत पर संदेह करके अपनी नाकामी पर परदा करना चाहते हैं। भाजपा प्रदेश के किसानों को 21 क्विंटल धान प्रति एकड़ 3100 रु. प्रति क्विंटल के भाव में खरीदी करने मोदी की गारंटी दे रहे थे तब क्या भाजपा के नेताओं को प्रदेश में कितना धान प्रति एकड़ पैदा होता है इसकी जानकारी नहीं थी? असल मायने में भाजपा की सरकार आने वाले खरीफ सीजन में किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान 3100 रु क्विंटल की दर पर खरीदना नहीं चाहती है इसीलिए अभी से किसानों के खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है किसानों को डराया धमकाया जा रहा है किसानों पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के कथनी और करनी में फर्क है, केंद्र की भाजपा सरकार ने किसानों को स्वामीनाथन कमेटी के सिफारिश के अनुसार लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य और 2022 तक किसानों की आमदनी बढ़ाने का वादा किया था जो अधूरा रह गया है।

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