June 15, 2025

Office Address

123/A, Miranda City Likaoli
Prikano, Dope

Phone Number

+0989 7876 9865 9

+(090) 8765 86543 85

Email Address

info@example.com

example.mail@hum.com

Politics State

नक्शा बंटवारे का ऑनलाइन सिस्टम फेल, ऑफलाइन का विकल्प नहीं, किसान दर दर भटकने मजबूर…

नक्शा बंटवारे का ऑनलाइन सिस्टम फेल, ऑफलाइन का विकल्प नहीं, किसान दर दर भटकने मजबूर…

हरियर एक्सप्रेस, रायपुर। किसानों और आम जनता को नक्शा बंटवारे और राजस्व रिकार्ड के दस्तावेज के संशोधन प्रक्रिया में आ रही दिक्कतों के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि राजस्व विभाग के ऑनलाइन सिस्टम में ढेरों खामियां हैं जब तक ऑनलाइन सिस्टम में त्रुटियां पूरी तरह से दुरुस्त नहीं कर ली जाती तब तक ऑफलाइन का विकल्प भी होना चाहिए लेकिन यह सरकार जानबूझकर काम अटकने के नए-नए तरीके अपना रही है। सरकार की दुर्भावना के चलते लाखों की संख्या में किसान दर-दर भटकने मजबूर है। केवल रायपुर जिले में ही नक्शा बंटवारे के 50 हजार से अधिक मामले पेंडिंग है, पूरे प्रदेश में यह संख्या लाखो में है, जिससे लोग परेशान है। ऑनलाइन धारा अ -6 के तहत रिकॉर्ड दुरुस्ती के 10 हजार से अधिक प्रकरण लंबित हैं। अधिकारी जान बूझकर एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। पटवारी, आर.आई के पास भेज रहा है, आर आई तहसीलदार के पास, तहसीलदार एसडीएम और एसडीम कलेक्टर और कलेक्टर वापस उसी तहसीलदार के पास। समाधान कही नहीं मिल रहा है, जनता चक्कर लगा-लगा कर थक चुकी है। भाजपा के नेता सत्ता की मलाई चाटने में व्यस्त हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि राजस्व विभाग में पारदर्शिता और सुविधा को लेकर ज़मीनी हकीकत सरकार के द्वारा किए जा रहे दावे के विपरीत है। भाजपा की सरकार में तकनीकी का दुरुपयोग करके जनता को केवल सताने का काम किया जा रहा है। इतनी शिकायतों के बाद भी कमियां दूर नहीं की जा रही है। सत्ता में बैठे लोग केवल वसूली एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं। ई कोर्ट के कई मामले आज तक ऑनलाइन प्रदर्शित नहीं है। पेंडेंसी लगातार बढ़ती चली जा रही है। पीड़ित किसान और आम जनता को कहीं कोई राहत इस सरकार में नहीं है, न ही कहीं पर किसी की कोई सुनवाई है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि राजस्व अभिलेख किसानों के लिए केवल संपत्ति ही नहीं, उनकी पहचान है। खरीफ फसल का समय आ चुका है। राजस्व अभिलेखों में दर्ज रकबा के अनुसार ही उन्हें खाद, बीज और नगदी की व्यवस्था सहकारी समिति से होती है। उसी के अनुसार किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण की पात्रता मिलती है और रकबा के आधार पर ही धान खरीदी की सीमा तय की जाती है, ऐसे में राजस्व प्रकरणों को बेवजह लंबित रखने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नक्शा बंटवारा नहीं होने से हिस्सेदारों और अन्य पात्र हितग्राहियों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा। सरकार राजस्व विभाग के ऑनलाइन सिस्टम में आ रही दिक्कत हो को तत्काल दूर करें समस्या के निराकरण तक ऑफलाइन की वैकल्पिक व्यवस्था करें अन्यथा पूरे प्रदेश में सरकार के उदासीन रवैए के खिलाफ कड़ा विरोध किया जाएगा।

Share
Avatar
About Author

hariyarexpressnews