April 10, 2025

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शोध का उदेश्य ही समाज को कुछ नया देना है – प्रो. नरेंद्र कुमार कोष्टी

शोध का उदेश्य ही समाज को कुछ नया देना है – प्रो. नरेंद्र कुमार कोष्टी

शोध का उदेश्य ही समाज को कुछ नया देना है – प्रो. नरेंद्र कुमार कोष्टी

सात दिवसीय शोध प्रविधि के तीसरे दिन मुख्य वक्ता रहे मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के सदस्य प्रो. कोष्टी

नई शिक्षा नीति में शोध के वृहद् संदर्भों को किया गया है रेखांकित : प्रो. कोष्टी

नवेद खान, अमरकंटक। इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र संकाय द्वारा आयोजित सात दिवसीय शोध प्रविधि एवं डाटा साइंस कार्यशाला के तीसरे दिन आज मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के सदस्य प्रो. नरेंद्र कुमार कोष्टी विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहे । अपने तकनीकी सत्र के दौरान श्री कोष्टी ने शोध समस्या और शोध पत्र लेखन विषय में शोधार्थियों के साथ रुबरु हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी भी शोध कार्य में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है शोध समस्या को जानना, हम बिना शोध समस्या को जाने इस दिशा में आगे कार्य नहीं कर पाएंगे। वहीं शोध के पूर्व उनसे जुड़ें साहित्य को पढ़ना अतिआवश्यक कार्य है जो कि अधिकतर शोधार्थी नहीं करते हैं।

उन्होंने आगे बताया कि किसी भी शोध में चरण (स्तर) का पालन करने से आपका शोध समाज के लिए उपयोगी हो पाता है। श्री कोष्टी ने शोधर्थियों से कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 में शोध के महत्व को स्पष्ट रेखांकित किया गया है। जो विकसित भारत के निर्माण में नींव का पत्थर साबित होगा। दूसरे तकनीकी सत्र में हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय सागर से आए प्रो. पी. एस. कांबले ने रिसर्च प्रपोजल लेखन तकनीक से शोधार्थियों को परिचित कराया। साथ ही शोध पत्र प्रकाशन हेतु उपयुक्त मानदंडों के पालन संबंधी दिशा निर्देशों की जानकारी साझा की।

ज्ञात हो कि सात दिवसीय शोध प्रविधि एवं डाटा साइंस कार्यशाला का आयोजन 28 मार्च से 3 अप्रैल 2024 तक रिसर्च एंड इनफार्मेशन सिस्टम फॉर डेवलपिंग कन्ट्रीज, नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है जिसमे देशभर से 33 शोधार्थियों ने भाग लिया है। कार्यक्रम के कोर्स डायरेक्टर डॉ. विनोद सेन ने कहा कि ऐसे कार्यशाला का उदेश्य देश के हर हिस्से से आए हुए यंग माइंड को शोध के क्षेत्र में हो रहे नए परिवर्तनों से परिचित कराना और समाज के लिए कुछ बेहतर करने के लिए शोधार्थियों को प्रेरित करना है जिसमे हम सफल होते दिख रहे हैं। वहीं कार्यशाला के अंतर्गत शोधार्थियों को 6 अलग-अलग ग्रुप में बांटा गया है जिसमे उन्हें विभिन्न प्रायोगिक कार्य भी दिए गए हैं। इस अवसर पर कोर्स को – डायरेक्टर प्रो. रक्षा सिंह और डॉ. आनंद सुगंधे ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया।

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