रायपुर बड़ा मदरसा का सौ साल पूर्ण, आला हज़रत के खलीफा ने सन् 1924 में रखी थी नींव, जलसे की तैयारियां ज़ोरो पर…
हरियर एक्सप्रेस, रायपुर। मदरसा इस्लाहुल मुस्लेमीन (यतीम खाना) बैजनाथपारा 2024 में सौ वर्ष (सेंचुरी वर्ष 2024) पूरे होने पर एक अज्जीमुश्शान प्रोग्राम का आयोजन 30 नवम्बर एवं 01 दिसम्बर 2024 को किया रहा है। जिसमें देश-विदेश के आला लोग शामिल होने जा रहे है। मदरसा की स्थापना 1924 में हुई थी। जिसकी नींव हुज़ूर मोहसिने मिल्लत हामिद अली फारूकी अलैहिर्रहमा ने रखी थी। जो कि आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा अलैहिर्रहमा बरेली शरीफ के खलीफा है। मशहूर है कि जब हुज़ूर मोहसिने मिल्लत बरेली शरीफ से अजमेर शरीफ पहुंचे तो 17 वालियों ने उनके सर पर दस्तार बांध कर रायपुर के लिए रवाना किया था। हुज़ूर मोहसिने मिल्लत ने ही रायपुर में ईद मिलादुन्नबी के जुलूस की शुरुआत की थी। इस मदरसे से आज तक न जाने कितने हाफ़िज़ ए कुरआन, मौलाना, मुफ्ती बन कर निकले और पूरे भारत के कोने कोने में फैल कर दीन के चिराग को रौशन किया है।
हुज़ूर मोहसिने मिल्लत हामिद अली फारूकी अलैहिर्रहमा की मज़ारे पाक रायपुर के फ़तेशाह मार्केट में स्थित है। यह पैग़म्बरे इस्लाम मुहम्मद सल्लाहों अलैहे वसल्लम के दूसरे खलीफा फारूके आज़म की औलाद में एवं बाबा फरीद गंज शकर अलैहिर्रहमा की नस्ल से है। इन्हीं के पोते क़ाज़ी ए शहर ए रायपुर मुफ्ती मोहम्मद अली फारूकी साहब की सरपरस्ती (अध्यक्षता) में दो रोज़ा अज़ीमुश्शान जलसा रायपुर के सीरत मैदान में मनाया जाएगा। 30 नवम्बर 2024 को नातिया मुशायरा होगा जिसमें हिंदुस्तान के मशहूर व मारूफ शायर तशरीफ लाएंगे एवं 01 दिसंबर 2024 को तकरीर का आयोजन होगा जिसमें देश-विदेश के आला लोग मौजूद रहेंगे।