राजधानी रायपुर के पीएम आवास हितग्राहियों का फूटा गुस्सा, पोस्टर लगाकर किया चुनाव का बहिष्कार, हितग्राहियों ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप…
हरियर एक्सप्रेस, रायपुर। राजधानी में सरकार द्वारा बनाए गए पीएम आवास के निवासियों का सब्र अब चुनाव के बहिष्कार का पोस्टर लगाकर लोगों का गुस्सा फुटा दिखा, अब पीएम आवास के निवासियों ने निकाय चुनाव से पहले चुनाव का बहिष्कार कर दिया। दरअसल,दलदल सिवनी स्थित पीएम आवास कॉलोनी में रहने वाले लोगों ने लंबे समय से पानी और अन्य समस्याओं से जूझ रहें हैं जिसे लेकर कई बार निगम जोन कार्यालय क्रमांक 9 में धरना प्रदर्शन किए जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा लगाकर थक गए रहवासियों का आरोप है कि हम लोग एक एक बूंद पानी के लिए तरसते हैं सरकार वादे करती है हर घर नल योजना की साथ ही साथ उन लोगों का आरोप है कि बिल्डिंग बनाने में भी भ्रष्टाचार हुआ है दीवारें फट रही है, छतों से छप्पर टूट रहा है, लेकिन हम लोगों की कहीं सुनवाई नहीं हुई थक हार कर हम लोगों ने चुनाव का बहिष्कार करना पड़ रहा है। असुविधाओं के अंबार से परेशान लोगों ने कॉलोनी के बाहर चुनाव बहिष्कार का बैनर लगाकर प्रदर्शन किया।
स्थानीय लोगों से बातचीत में उन्होंने बताया कि किसी भी मौसम में भी पानी यहां उपलब्ध नहीं रहता है। रायपुर नगर निगम, कलेक्ट्रेट और जोन कार्यालय, हर जगह लोगों ने ज्ञापन दिया है लेकिन पानी की व्यवस्था करने में सभी असफल रहे हैं। बीमार, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को तीन-तीन मंजिल पानी लेकर चढ़ना पड़ता है। धरना देने, मांग करने के बाद टैंकरों की संख्या बस कुछ दिनों के लिए बढ़ा दी जाती है। अमृत मिशन योजना के पाइपलाइन से भी पर्याप्त पानी नहीं आता। अधिकारी और जनप्रतिनिधि सिर्फ टालने का काम करते है। स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था करने कब से मांग की जा रही है लेकिन अब तक पूरी नहीं की गई। क्षेत्र में लाइट नहीं होने के कारण लूट-मार जैसी घटनाओं की संभावना बनी रहती है और महिला असुरक्षित महसूस करती है। वहीं लोगों का कहना है कि बिल्डिंगे जो बनी है उसमें भी भ्रष्टाचार हुआ है दीवारों में दरार पड़ रही है जगह जगह छतों के प्लास्टर गिर रहे हैं रहवासियों का सीधा सीधा आरोप है सिर्फ हम लोगों को पीएम आवास के नाम पर ठगा गया है।
लोगों ने कहा कि घर के बदले पैसे ले लिए लेकिन सुविधाएं देना भूल गए। आज इतनी असुविधाओं के बीच हजारों परिवारों को जीना पड़ रहा है और सारी समस्याओं का हल खुद ही ढूंढने पर मजबूर होना पड़ता है, ऐसे में वे वोट क्यों दें? लोगों ने मांग की है कि जब तक सभी व्यवस्था ठीक नहीं की जाएगी तब तक निकाय चुनाव में वोट नहीं देंगे।