ईज डूइंग बिजनेस के तहत ई-वे बिल से संबंधित पूर्व अधिसूचना क्रमांक 10-31/2018/वाक/पांच(46) को यथावत रखने तथा जीएसटी विभाग द्वारा व्यापारियों को जारी किए गए नोटिस पर रोक लगाने किया निवेदन।
वित्त मंत्री ने उक्त विषयों पर सकारात्मक आश्वासन दिया: पारवानी
हरियर एक्सप्रेस, रायपुर। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि चेंबर अध्यक्ष अमर परवानी के नेतृत्व में चेंबर प्रतिनिधिमंडल ने वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री ओ.पी.चैधरी से मुलाकात कर ईज डूइंग बिजनेस के तहत ई-वे बिल से संबंधित पूर्व अधिसूचना को यथावत रखने तथा राज्य के विभिन्न जिलों के व्यापारियों को जीएसटी विभाग द्वारा दिए गए नोटिस पर स्वतः रोक लगाने प्रदेश भर के व्यापारियों से प्राप्त नोटिस की प्रतिलिपि सहित ज्ञापन सौंपा। जिस पर वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री ओ.पी.चैधरी ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए उचित कदम उठाने की बात कही।
चेंबर प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी ने बताया कि ईज डूइंग बिजनेस के तहत ई-वे बिल से संबंधित पूर्व अधिसूचना को यथावत रखने चेंबर ने पत्र के माध्यम से राज्य वाणिज्य कर मंत्री ओ.पी. चैधरी को ज्ञापन सौंपा तथा ई-वे बिल की संख्या एवं अनुपालन से संबंधित बढ़ती जटिलताओं पर विस्तृत चर्चा की।
चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि राज्य के विभिन्न जिलों के व्यापारियों को जीएसटी विभाग द्वारा वर्तमान में जीएसटीआर-1 फॉर्म देर से दाखिल करने हेतु जुर्माना नोटिस जारी किया गया। विभाग द्वारा अचानक किये गए इस कार्यवाही से व्यापारियों में भय का माहौल है जिसके कारण उन्हें आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ।
श्री पारवानी ने आगे बताया कि जीएसटी व्यवस्था भारत में अप्रत्यक्ष कर संरचना को सुव्यवस्थित करने के लिए शुरू किया गया एक प्रमुख सुधार है। हालाँकि, इसके कार्यान्वयन के बाद शुरुआती वर्षों में, व्यापारियों और अधिकारियों दोनों के सामने कई चुनौतियाँ थीं। नए अधिनियम की जटिलता, पोर्टल की अनभिज्ञता के साथ, अनजाने में त्रुटियां और अनुपालन में देरी हुई । इस अवधि के दौरान, व्यापारी, अधिकारी और कानूनी सलाहकार सभी जीएसटी अधिनियम की बारीकियों और इसके परिचालन तंत्र के बारे में खुद को शिक्षित करने की प्रक्रिया में थे।
जीएसटी काउंसिल की बैठक में यह कहा गया था कि 1 अप्रैल 2021 के पहले के जो भी नोटिस है यदि जीएसटी 3 बी फाइल करने के पहले जीएसटी आर-1 फाइल किया जाता है तो पेनाल्टी नहीं लगेगी।
1 अप्रेल 2021 के बाद जीएसटी आर-1 देरी से फाइल करने पर पेनाल्टी के लिये अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। तत्पश्चात प्रारंभिक वर्षों के दौरान देर से फाइलिंग के लिए जुर्माना लगाना न्यायोचित प्रतीत नहीं होता है।
उपरोक्त विषयों पर ओ.पी.चैधरी, वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए उचित कदम उठाने की बात कही।
इस अवसर पर चेम्बर सलाहकार राकेश ओचवानी, प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मंत्री-नीलेश मूंधड़ा, शंकर बजाज, लोकेश साहू, प्रशांत गुप्ता, टेक्नीकल टीम के सदस्य सी.ए. मुकेश मोटवानी, रायपुर सराफा एसोसियेशन के अध्यक्ष सुरेश भंसाली, युवा चेम्बर से राजू चंदनानी, जितेन्द्र बजाज,रोहित पंजवानी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।