नक्सल मामलों में साय सरकार पूरी तरह से नाकाम, 9 महीनों में कोई ठोस नीति नहीं बना पाए
हरियर एक्सप्रेस, रायपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि नक्सल मामलों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूरी तरह से असफल साबित हुई है। अपने सरकार की नाकामी को छुपाने प्रदेश के गृह मंत्री जंतर-मंतर में नक्सल पीड़ितों के जख्म का नुमाइश करके घड़ियाली आंसू बहा रहे है। विगत 9 महीने के दौरान कोई ठोस नक्सल नीति नहीं बना पाए। राहत, समर्पण, पुनर्वास और सुरक्षा को लेकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार अभी तक संशय की स्थिति में है। केवल कागजी दावे और जुबानी खर्च के अलावा धरातल पर कोई ठोस नीति भाजपा की सरकार अब तक लागू नहीं कर पाई है। प्रदेश के गृह मंत्री खुद संसय की स्थिति में है। कभी कहते हैं कि नक्सलियों से वीडियो कॉल पर बात करेंगे, नक्सलियों से सलाह मांगने क्यू आर कोड और गूगल फॉर्म जारी करते हैं, कभी नक्सलियों के साथ लालभाजी खाकर नक्सलवाद खत्म करने की बात कहकर सुरक्षा बलों का मनोबल कम करते हैं। पिछले 1 माह के दौरान नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चार-चार जवानों में प्रशासन की उपेक्षा से पीड़ित होकर आत्महत्या की है, हाल ही में एक जवान ने अपने दो साथियों जवानों की हत्या कर दी, गोली लगने से दो अन्य जवान घायल हैं, लेकिन भाजपा सरकार ने अब तक उनकी सुध नहीं लिया।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के वर्तमान गृहमंत्री इतिहास में सबसे असफल गृह मंत्री साबित हुए हैं। प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था, बेखौफ हो चुके अपराधी, पुलिस की बर्बरता, निर्दोष लोगों पर दुर्भावना पूर्वक कार्यवाही से ध्यान भटकने भाजपा की सरकार बन नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 10 लोगों को दिल्ली घुमाकर नक्सल प्रभावित लोगों के जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं, न्याय का ढोंग कर रहे है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि यदि भारतीय जनता पार्टी की सरकार को नक्सल प्रभावित क्षेत्र के की जनता के हितों से सरोकार है, यदि आदिवासीयों के प्रति सच्ची संवेदना है, तो उनके खिलाफ़ बर्बरता पूर्ण कार्यवाही पर तत्काल नियंत्रण लगाए। बस्तर के स्थानीय आदिवासीयों ने पिछले 9 महीने के दौरान फर्जी मुठभेड़ में 30 से ज्यादा निर्दोष लोगों की हत्या का आरोप लगाया, बीजापुर, कोयलीबेड़ा, पीड़िया मामलों में न्यायिक जांच की मांग को लेकर राजभवन तक गए लेकीन अब तक सरकार निष्पक्ष जांच से भाग रही है। यह सरकार पीड़ित परिवारों को न्याय दे, उनके हक मुआवजा दे, वन अधिकार अधिनियम के तहत जल, जंगल, जमीन का अधिकार स्थानीय आदिवासियों को दे।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि यह ऐतिहासिक सत्य है कि भाजपा की सरकारों में आदिवासियों पर निर्ममता पूर्वक अत्याचार किए जाते हैं। वन अधिकार अधिनियम में संशोधन किए गए, नंदराज पर्वत ग्रामसभा की फर्जी एनओसी बनाकर मोदी के मित्र को दे दिया गया, अब फिर से जंगल कटवाए जा रहे हैं। टेरर फंडिंग के मामले में भाजपा के पूर्व मंत्री के भाई और भाजपा के जिला उपाध्यक्ष पर तेंदूपत्ता ठेकेदार से 91 लख रुपए वसूली का आरोप लगा प्रमाण भी प्रस्तुत किए गए बैंक खातों पर हुए ट्रांजैक्शन सार्वजनिक हुए लेकिन एनआईए ने उसे मामले में आज तक भाजपा से संबंधित आरोपियों से कोई पूछताछ नहीं की पूर्व में जब 15 साल भाजपा की सरकार थी बस्तर के 600 गांव से 3 लाख लोगों को पलायन के लिए मजबूर किया अब प्रशासनिक बर्बरता के चलते दहशत से एक बार फिर बस्तर के आदिवासी अपना घर, अपना जल, जंगल, जमीन छोड़ने मजबूर है। अपने सरकार की बर्बरतापूर्ण और दुर्भावनापूर्वक कार्यवाहियों से ध्यान भटकाने प्रदेश के गृह मंत्री केवल राजनीतिक पर्यटन कर रहे हैं।