सरकार के तुगलकी निर्णय से 2 लाख मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट
हरियर एक्सप्रेस, रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि आज हम पांच महत्वपूर्ण विषयां पर आप सबसे बात करने उपस्थित हुये है। बिजली के दामो की बढ़ोतरी, नगरी निकायो के अध्यक्षो के वित्तीय अधिकार की वापसी, आवारा पशुओ की समस्या, 14 अगस्त को संविधान यात्रा, विश्व आदिवासी दिवस पर नवीन आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर विषय पर चर्चा करेंगे।
ऽ एक सप्ताह से अधिक दिनों से राज्य की स्टील ईकाईयां बंद है जिसके कारण इन ईकाईयों में काम करने वाले 2 लाख से अधिक मजदूरों, ट्रांसपोर्टरों और इन उद्योगो से जुड़े अन्य लोगो के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
ऽ समाचार माध्यमों से हमें जानकारी मिली है कि उद्योगो के प्रतिनिधि लगातार सरकार से अपनी मांग मानने के लिये आग्रह कर रहे हैं, लेकिन सरकार हठधर्मिता पर अडी हुई है।
ऽ 7 माह की भाजपा सरकार ने न सिर्फ उद्योगो, आम आदमी की बिजली के दामो को बढ़ा दिया है। लोहा उद्योग छत्तीसगढ़ की रीढ़ है और उनकी बिजली महंगी करना विष्णुदेव सरकार गलत निर्णय है।
ऽ घोषित तौर पर सरकार का दावा है कि 8 प्रतिशत घरेलू बिजली के दाम बढ़े हैं, लेकिन हकीकत यह है कि पिछले दो माह से सभी के घर का बिजली बिल दुगुना आ रहा है।
ऽ छत्तीसगढ़ जो देश के बड़े उर्जा उत्पादक राज्यों में से एक है, वही के नागरिको और उद्योगो को महंगी बिजली खरीदने को मजबूर होना पड़ा रहा है। कोयला हमारा, जमीन हमारी, पानी हमारा और हमें ही महंगें दाम पर बिजली?
ऽ उद्योगो की बिजली के दामो की पडोसी राज्यों से तुलना करे तो ओडिशा, जो सबसे अधिक इस्पात का उत्पादन करता है, उसकी बिजली दर लगभग 5 रूपये 10 पैसा से 5 रूपये 30 पैसा है। पश्चिम बंगाल, जो तीसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक राज्य है, उसकी बिजली दर 5 रूपये है। झारखंड और जिंदल पार्क, जो अन्य प्रमुख इस्पात उत्पादक क्षेत्र है, उनकी बिजली दर भी 5 रूपये है। छत्तीसगढ़ जो दूसरा सबसे इस्पात उत्पादक राज्य है, यहां की बिजली दर 7 रूपये 62 पैसा से 8 रूपये 50 पैसा है।
ऽ महंगी बिजली के साथ भाजपा सरकार आने के बाद से जनता को पूरे 24 घंटे बिजली नहीं मिल रही है। पूरे प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती हो रही है। 7 माह में विद्युत सरप्लस वाला छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कटौती का केंद्र बन गया है। कोई ऐसा दिन नहीं होता जब बिजली दो-चार घंटे के लिये बंद न हो, रात में तो बिजली की स्थिति तो और भयावह हो जाती है, घंटो बिजली गोल हो जाती है।
ऽ कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि सरकार घरेलू एवं उद्योगो कृषि के बिजली के दामों की बढ़ोत्तरी वापस ले।
नगरी निकायों में अध्यक्षों से वित्तीय अधिकार वापस लेना अलोकतांत्रिक
भारतीय जनता पार्टी की साय सरकार चुने हुये जनप्रतिनिधियों के अधिकारों को हनन कर रही हैं। दुर्भाग्यजनक है कि लोकतांत्रिक प्रणाली से चुनकर सरकार में बैठे हुये लोग प्रजातांत्रिक तरीके से चुने हुये जनप्रतिनिधियों के अधिकारों में कटौती कर रहे है। कल ही सरकार की ओर से राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित की गयी है, जिसके अनुसार अब नगर पालिका, नगर पंचायतो में अध्यक्षों को चेक पर हस्ताक्षर करने के अधिकार को वापस ले लिया। यह अधिकार अब मुख्य नगर पालिका अधिकारी को दे दिया गया है। प्रदेश के अधिकांश निकायों में कांग्रेस के अध्यक्ष चुनकर आये है। इसलिये दुर्भावना पूर्वक सरकार ने यह निर्णय लिया है।
कांग्रेस की सरकार ने जनप्रतिनिधियों को अधिकार संपन्न बनाने उनको वित्तीय अधिकार दिया था, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे वापस ले लिया। कांग्रेस मांग करती है कि इस अधिसूचना को रद्द किया जाये तथा जनप्रतिनिधियों के वित्तीय अधिकार को बहाल किया जाये।
16 अगस्त को प्रदेश के सभी जिलों एवं ब्लाको में होगा गौ सत्याग्रह
ऽ प्रदेश भर में हो रही गायो की मौत तथा खुले मवेशियो के कारण सड़को में हो रही दुर्घटनाये आवारा मवेशियो से खेतो की चराई पूरे प्रदेश में एक बड़ी समस्या बन कर उभरी है।
ऽ छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आने के बाद से प्रदेश में गौवंश बदहाल है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के द्वारा संचालित गोधन न्याय योजना को बंद करके गौवंशी पशुओं को सड़क पर बेमौत मरने छोड़ दिया है। एक तरफ जहां किसान खुली चराई से परेशान हैं, वही सड़कों में दुर्घटनाएं बढ़ गई है। भाजपा की सरकार में गाय, भैंस के साथ जनता भी सड़कों पर बेमौत मरने मजबूर हैं।
ऽ इस विकराल समस्या के तरफ कांग्रेस पार्टी ने हमारे नेताओं ने मीडिया ने भी सरकार का ध्यान अनेको बार आप आकृष्ट किया हैं, लेकिन सरकार लापरवाह बनी हुई है। कांग्रेस पार्टी सरकार को यह चेतावनी देती है कि 15 अगस्त तक आवारा पशुओं के संबंध में सरकार कोई ठोस निराकरण करें। यदि सरकार आवारा पशुओं का कोई समाधान नहीं करेगी तो 16 अगस्त को कांग्रेस गौ सत्याग्रह करेगी। हम प्रदेश के सभी जिला कार्यालय, अनुविभाग (एसडीएम) कार्यालय में एवं अन्य महत्वपूर्ण शासकीय कार्यालयों में खुले पशुओ को ले जाकर छोड़ देंगे।
14 अगस्त को प्रदेश के सभी वार्डों, गांवो में संविधान यात्रा
आजादी की 77वीं वर्षगांठ के पूर्व 14 अगस्त को कांग्रेस पार्टी प्रदेश के सभी गांवो वार्डो में संविधान यात्रा के रूप में प्रभात फेरी निकालेगी। देश के संविधान की रक्षा की प्रतिज्ञा ली जायेगी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रिय भजन “वैष्णव जन” का गान होगा। इस प्रभात फेरी में भारत के संविधान, तिरंगा ध्वज और बापू का चित्र लेकर कांग्रेस जन चलेंगे।
विश्व आदिवासी दिवस के दिन आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर हो
कल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस है। मै सभी प्रदेश वासियों को शुभकामना देता हूं। आदिवासियों का संवैधानिक अधिकार पिछले डेढ़ साल से राजभवन में लंबित है। अब प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री भी है। हम सरकार से मांग करते है कि छत्तीसगढ़ का आरक्षण संशोधन विधेयक जो पूर्ववर्ती सरकार ने विधानसभा से पारित करवा कर राजभवन भेजा था, उस पर हस्ताक्षर करने राजभवन से आग्रह करे। प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है फिर आदिवासियों का 32 प्रतिशत एससी का 13 प्रतिशत, ओबीसी का 27 प्रतिशत, ईडब्ल्यूएस का 4 प्रतिशत अधिकार राजभवन में क्यों रूका हुआ है?
हम महामहिम राज्यपाल से भी आग्रह करते है कि विश्व आदिवासी दिवस के दिन राज्य की 32 प्रतिशत आबादी आदिवासियों के हक में विधेयक पर हस्ताक्षर करे।