भाजपा सरकार के निकम्मेपन के चलते हैं स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल, जांच, इलाज, रोगथाम केवल काग़ज़ी
हरियर एक्सप्रेस, रायपुर। छत्तीसगढ़ में मलेरिया संक्रमण के आंकड़ों को लेकर विष्णुदेव साय सरकार के दावों को झूठा करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मलेरिया संकरण को लेकर साय सरकार द्वारा जो आंकड़े जारी हुए हैं, वह पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के दौरान के हैं। 2018 में जब भाजपा के 15 साल के कुशासन का अंत हुआ था और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी, उस समय छत्तीसगढ़ में मलेरिया की संक्रमण दर 2.63 फ़ीसदी थी, जो 5 साल के कांग्रेस के सुशासन में मलेरिया उन्मूलन अभियान के बेहतर क्रियान्वयन के फलस्वरूप घटकर मात्र 0.99 प्रतिशत रह गई थीं। अब छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद, साय सरकार की उपेक्षा और अकर्मण्यता के चलते प्रदेश में मलेरिया संकरण की दर पुनः तेजी से बढ़ने लगा है। बड़ी संख्या में आम जनता मलेरिया की शिकार होकर बेमौत मरने मजबूर है। जांच, इलाज, रोगथाम के उपाय, व्यवस्था और राहत केवल कागजों पर है। भाजपा की सरकार सच स्वीकार करके व्यवस्था दुरुस्त करने के बजाय झूठे आंकड़े प्रस्तुत कर श्रेय लेने में लगी हुई है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा की सरकार बनते ही छत्तीसगढ़ की जनता एक बार फिर से कुपोषण, एनीमिया, मलेरिया से होने वाली मौत और नक्सलवाद की त्रासदी झेलने मजबूर है। अस्पतालों में दवाई नहीं है, जांच बंद हो गए, लोग इलाज़ के लिए भटक रहे हैं, रेडी टू ईट का भुगतान रोक दिया गया है, मेडिकेटेड मच्छरदानीयों का वितरण केवल कागजों पर हो रहे हैं और सरकार सच स्वीकार करने के बजाय फर्जी आंकड़े जारी कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के मंत्रियों की अनुभवहीनता का नुकसान छत्तीसगढ़ की जनता भोग रही है। प्रदेश में पहली बार के विधायक स्वास्थ्य मंत्री हैं जिनकी निस्क्रीयता सर्वविदीत है। प्रदेश में मलेरिया के हजारों मरीज दर-दर भटक रहे हैं, संक्रमण दर दिनोदिन बढ़ रहा है। प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा मरीज डायरिया से पीड़ित है। सरकारी अस्पतालों में टीवी तक की दवा नहीं है, टीवी मरीजों को पोषण आहार के लिए जो 500 रूपए की सहायता राशि प्रति माह मिलती थी, भाजपा की सरकार आने के बाद से वह भी बंद कर दी गई है। सैकड़ो करोड़ के टेस्ट कीट और वैक्सीन बिना उपयोग के ही एक्सपायर हो गए लेकिन भाजपा की सरकार आंख मूंदे बैठी है। तथ्यहीन बयानबाजी और फर्जी आंकड़े जारी करना छोड़ अस्पतालों की व्यवस्था सुधारे साय सरकार।