— भारत सरकार वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगड़िया को चेम्बर ने छत्तीसगढ़ की आर्थिक एवं औद्योगिक विकास के लिए कई सुझाव सौंपे
— चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष के सुझावों को वित्त आयोग के अध्यक्ष ने बेहतर बताया
हरियर एक्सप्रेस, रायपुर। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने भारत सरकार वित्त आयोग के अध्यक्ष डाॅ. अरविंद पनगड़िया को छत्तीसगढ़ की आर्थिक एवं औद्योगिक विकास के लिए कई सुझाव सौंपे। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी,विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि 16 वें वित्त आयोग की बैठक में व्यापार एवं उद्योग क्षेत्र के समग्र विकास हेतु छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के सुझाव को वित्त आयोग के अध्यक्ष ने गंभीरता से लिया। चेंबर के सुझाव पर कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर वित्त आयोग के अध्यक्ष ने हामी भरते हुए चेम्बर के पदाधिकारियों से जानकारी ली व सुझावों को बेहतर बताया।
चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी ने बताया कि वित्त आयोग के अध्यक्ष को होलसेल कारीडोर से आर्थिक गलियारा के महत्व पर हमने विस्तृत जानकारी दी। इसके साथ ही प्रदेश में सर्विस सेक्टर के बढ़ावे के लिए निवेदन किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास में सर्विस सेक्टर अभी भी 10-12 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। इसमें इजाफा होने से आर्थिक प्रगति तेजी से आगे बढ़ सकती है।
श्री पारवानी ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश अपने खनिज सम्पदा, संस्कृति, प्राकृतिक सुन्दरता तथा आर्थिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है। छत्तीसगढ़ में अनेक संभावनाएं है जिन्हें सहायता प्रदान करने से प्रदेश के आर्थिक विकास को बल मिलेगा साथ ही देश की आर्थिक प्रगति में वृद्धि होगी एवं सरकार को अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी। अतः 16 वें वित्त आयोग की बैठक में व्यापार एवं उद्योग क्षेत्र के समग्र विकास हेतु छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की ओर से विभिन्न सुझाव सौंपे गए।
सुझाव निम्नानुसार हैः-
1.छत्तीसगढ़ को राष्ट्रिय आद्योगिक गलियारा परियोजना में शामिल करने हेतु:- भारत की अर्थव्यवस्था में छत्तीसगढ़ प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान रहता है, छत्तीसगढ़ प्रदेश एक भू आवेष्ठित राज्य है जिसकी सीमा सात राज्यों से जुडी हुई है तथा अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्र एक दूसरे पर निर्भर होते हैं। भारत सरकार ने विभिन्न राज्यों से गुजरते हुए पूरे भारत में 10 से अधिक औद्योगिक गलियारे विकसित किए हैं। इनमें से कोई भी औद्योगिक गलियारा छत्तीसगढ़ से होकर नहीं गुजरता है। हम आयोग से अनुरोध करना चाहेंगे कि वह छत्तीसगढ़ में भी ऐसे गलियारों के विकास की सुविधा प्रदान करें। ऐसा ही एक गलियारा नागपुर रायपुर गलियारा हो सकता है तथा वर्तमान में रायपुर विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारा विकसित किया जा रहा है जिसे औद्योगिक गलियारा घोषित किया जा सकता है।
2.होलसेल कॉरिडोरः- देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन विकसित भारत 1947 के तर्ज पर विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को प्राप्त करने ऐसे होलसेल कोरिडोर की स्थापना करना जो भारत के साथ साथ पुरे दक्षिण मध्य एशिया का सबसे बड़ा और विकसित होलसेल कोरिडोर होगा जो न केवल छत्तीसगढ़ राज्य की बल्कि भौगोलिक रूप से प्रदेश के सीमा से लगे उड़ीसा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, और झारखंड जैसे राज्यों की मांग की पूर्ति करें और व्यापार को नई दिशा और गति दे साथ ही साथ संपूर्ण भारतवर्ष में छत्तीसगढ़ मॉडल के एक अनूठे और सबसे वृहद व्यावसायिक क्षेत्र के रूप में जाना जाएगा। जिसका प्रभाव यह होगा की अन्य राज्यों में भी इस तरह की परियोजनाओं को बल मिलेगा जो स्थानीय उत्पादों, कृषि उत्पादों, नविन एवं विनिर्माण इकाइयों के साथ ही आर्थिक गतिविधियों का सबसे बड़ा स्थान होगा।
(अ)प्रदेश में स्थित दक्षिण मध्य एशिया का सबसे बड़े होलसेल कॉरिडोर की पहचान संपूर्ण भारत में अन्य राज्यों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत रूप में होगी।
(ब) नए-नए रोजगार के अवसर और साथ ही लाखों लोगों के लिए प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का सृजन होगा।
(स)राज्य के सहयोग और व्यापारियों की प्रतिबद्धता से क्षेत्रीय स्तर के ग्रामीण जनता के विकास और जीवन स्तर में बदलाव होगा।
(द)छत्तीसगढ़ की जीडीपी में वृद्धि और साथ ही साथ जीएसटी एवं अन्य करों में भी वृद्धि होगी जो देश के आर्थिक वृद्धि को गति प्रदान करेगी।
3.स्वामी विवेकानंद विमानतल को अंतर्राष्ट्रीय विमानतल तथा कार्गो हब घोषित किया जाएः- रायपुर विमानतल देश के बिल्कुल मध्य में स्थित होने के कारण देश के किसी भी कोने से दो घंटे के अंदर कोई भी सामान भेजा और मंगाया जा सकता है, अतः कार्गो हब की स्थापना अत्यंत ही आवश्यक है, क्योंकि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान प्रदेश है, रायपुर से फल, सब्जियाँ एवं फूल इत्यादि दूसरे शहरों को भेजा जाता है तथा एयर कार्गों के द्वारा रोजाना 20 से 25 टन सामान जिसमें दवाईयाँ, जड़ीबूटियां, फल, मशीनों के पाट्र्स इत्यादि बहुत सी चीजें रायपुर में आती है। कृषि उड़ान योजना को छत्तीसगढ़ प्रदेश में भी लागू किए जाने से कृषि बहुल प्रदेश छत्तीसगढ़ को भी अधिक लाभ होने की संभावना है। अतः रायपुर में कार्गो हब बनाये जाने की अत्यंत आवश्यकता है।
4..स्मार्ट टूरिज्मः-स्मार्ट टूरिज्म एक महत्वपूर्ण घटक है जो आर्थिक विकास के प्रमुख घटकों में से एक हो सकता है, जो रोजगार सृजन का एक सशक्त माध्यम बन सकता है क्योंकि पर्यटन स्थल दुरान्चलों में होते हैं जहां रोजगार और अधोसंरचना का आभाव होता है, जिसके विकसित होने से रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे। प्रदेश आर्थिक प्रगति करेगा। विभिन्न देश जैसे सिंगापुर, दुबई, थाईलैंड आदि का आर्थिक स्त्रोत स्मार्ट टूरिज्म है, जबकि वहां कृत्रिम रूप से पर्यटन स्थल तैयार किया गया है, वरन हमारा प्रदेश प्राकृतिक सुन्दरता से परिपूर्ण है प्राचीन मंदिर, स्मारक, झरने प्रदेश की संस्कृति एवं विविधताओं से भरा हुआ है, जिसे स्मार्ट टूरिज्म के द्वारा आर्थिक स्त्रोत का एक प्रमुख माध्यम बनाया जा सकता है इससे प्रदेश के आर्थिक विकास में दूरगामी परिणाम मिलेंगे और ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य होगा।