मध्यान भोजन, साइकिल, गणवेश, छात्रवृत्ति सहित तमाम योजनाएं केवल कागज़ी, बालवाड़ी भी अघोषित तौर पर बंद।
हरियर एक्सप्रेस, रायपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की गुटबाजी और मंत्रियों के कमीशनखोरी के लालच के चलते स्कूल शिक्षा विभाग को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। स्कूलों में मानसून के पहले जो नियमित तौर पर निर्माण और मरम्मत के कार्य होते थे, इस साल वह भी नहीं हो पा पाया है। सामान्य तौर पर स्कूल की बिल्डिंग के निर्माण और रखरखाव का काम सरकारी एजेंसी आरईएस, पीडब्ल्यूडी, नगरीय निकाय और पंचायत विभाग के माध्यम से किया जाता है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने इनके साथ ही “स्कूल जतन योजना“ की शुरुआत की थी जिसके माध्यम से स्कूल बिल्डिंग और वहां के शौचालयों का रिनोवेशन और पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जाती थी। हर साल इस काम के लिए कांग्रेस की सरकार के दौरान हजारों करोड रुपए का प्रावधान किया जाता रहा। विगत वर्ष 25 जून 2023 को 29284 स्कूल भवनों के मरम्मत के लिए 2000 करोड़ की राशि केवल एक वर्ष में दी गई थी, उसके बाद 1536 स्कूलों की मरम्मत के लिए 370 करोड रुपए खर्च किया गया। दिसंबर 2023 में छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद जो पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा वर्क आर्डर जारी किए जा चुके थे, उनमें से अधिसंख्यक काम दुर्भवना पूर्वक रोक दिए गया। कई ठेकेदारों के रनिंग बिल का भुगतान कमीशन खोरी के लालच में रोका गया। कई टेंडर जबरिया नियम विरुद्ध निरस्त कर दिए गए और कमीशनखोरी के लालच में साय सरकार ने यह निर्णय लिया कि सरकारी एजेंसी आरईएस, पीडब्ल्यूडी, नगरीय निकाय, पंचायत और स्कूल जतन योजना को बाईपास करके स्कूल शिक्षा विभाग स्वयं ही निर्माण और रखरखाव का काम करेगी, जिसके चलते पिछले 6 महीने से कोई भी काम स्कूलों में नहीं हो पाया है। भारतीय जनता पार्टी की साय सरकार को बयानबाजी छोड़कर तत्काल जर्जर स्कूलों की मरम्मत तत्काल करानी चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि पिछले 6 महीने में ही सरकारी स्कूलों की व्यवस्था बदहाल हो गई है। स्कूलों में मध्यान भोजन, साइकिल वितरण, गणवेश वितरण, छात्रवृत्ति सहित तमाम योजनाओं की जमीनी हकीकत बेहद डरावनी है। ज्यादातर योजनाएं केवल कागजों पर संचालित है। भुगतान रोक जाने से मध्यान भोजन और रेडी टू इट जैसी योजनाएं अघोषित तौर पर बंद हो गई है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़ में 9491 बालवाड़ी खोले थे, आज इन बलवाड़ियों में सन्नाटा पसर गया है। भाजपा नेताओं के गुटबाजी के चलते हैं छत्तीसगढ़ के 48 हजार से अधिक सरकारी विद्यालय दुर्दशा के शिकार हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में 1 लाख़ 47 हजार शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन किया, 14580 और 12489, 27 हजार से अधिक नियमित पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति की, जो 33000 नियमित शिक्षकों के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पूर्ववर्ती सरकार के समय शुरू की गई थी, भाजपा की सरकार आने के बाद वह भी बाधित कर दिया गया है। विद्या मितान और अतिथि शिक्षक निकाल दिए गए हैं, पूर्व में भर्ती किए गए बीएड डिग्री धारक सहायक शिक्षकों को निकाला जा रहा है, उनका पक्ष न्यायालय में नहीं रखा गया न ही समय सीमा के भीतर अपील की गई। भाजपा की डबल इंजन की सरकार का पूरा फोकस केवल कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार में है शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कानून व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण विषय साय सरकार की उपेक्षा और दुर्दशा के चलते बदहाल है।