हितग्राहियों का अंगूठा लगाकर डकार गए 226 क्विंटल चावल
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भीड़ लोहारा थाना में घुस गई
प्रदेश कांग्रेस ने की घोटालेबाज की गिरफ्तारी की मांग, पूछा उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा मौन क्यों?
कलेक्टर से अपनी जिम्मेदारी निभाने कहा
हरियर एक्सप्रेस, रायपुर। कबीरधाम जिले के सहसपुर लोहारा में राशन दुकान चलाने वाले भाजपा नेताओं ने 16 लाख रुपए का राशन घोटाला किया है। सहसपुर लोहारा नगर पंचायत की पूर्व अध्यक्ष उषा श्रीवास राशन दुकान चलाने वाले समिति की अध्यक्ष तथा मनहरण श्रीवास राशन दुकान के सेल्समैन है। भाजपा नेताओं ने 300 से अधिक राशन हितग्राहियों से अंगूठा लगवाकर उन्हें अप्रैल और मई का राशन सामग्री नहीं दिया। कांग्रेस ने राशन घोटाले को भाजपा की फितरत बताया है तथा घोटालेबाजों की गिरफ्तारी ना होने पर सवाल उठाए हैं।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा है कि राशन घोटाला प्रकाश में आने के बाद खाद्य विभाग ने थाना सहसपुर लोहारा में इस मामले में एफ.आई.आर लिखवाई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। इससे अक्रोशित राशन हितग्राहियों की भीड़ 19 मई को थाना में घुस गई तथा थाना घेर लिया। इसे देखकर थाना में मजबूरी में राशन दुकान के सेल्समैन मनहरण श्रीवास और समूह के सचिव के खिलाफ एफ.आई.आर दर्ज की गईं।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा नेता हमेशा राशन घोटाला करते हैं। राज्य की वर्तमान सरकार में राज्य भर में राशन सामग्री के घोटाले में भाजपा पूरी तरह लगी हुई है। कवर्धा के विधायक विजय शर्मा के मंत्री बनने के पश्चात कबीरधाम जिले में घोटालों की बाढ़ आ गयी है। गड़बड़ियों घोटालों पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा मौन रहते हैं। घोटाले के इस मामले में भी विजय शर्मा मौन बने हुए हैं।
प्रदेश कांग्रेस ने सहसपुर लोहारा में राशन घोटाले में शामिल लोगों की गिरफ्तारी की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा है कि राशन सामग्री में प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना का भी राशन शामिल है इस मामले में कबीरधाम जिले के मुखिया कलेक्टर जनमेजय महोबे की चुप्पी बहुत कुछ बयान करती है। आखिर कलेक्टर ने राशन घोटाले में गिरफ्तारी सुनिश्चित क्यों नहीं की? कलेक्टर को आखिर किसका डर है? घोटालेबाज भाजपा के नेता हैं इसलिए कलेक्टर उनकी गिरफ्तारी नहीं करा रहे हैं। इससे ये लगता है कि कलेक्टर अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं।